टकली हो टाट अर कंघी गोज म
इस ढाल के भाई श्रृंगार कोनी चाले र
छोटी हो कुंडी अर बड़ा हो किवाड़
इसे खिड़की अर किवाड़ कोनी चाले र
पटक क छेत दे फेर दवादे कुल्फी
घरक्या न बताओ इसे लाड कोनी चाले र
कहना हो बाबू अर करणा हो क़ाबू
सौदेबाज़ी के न्यु प्यार कोनी चाले र
हिल रे हो दांत अर फोड़ने अखरोट
इस ढाल तो भाई जाड कोनी चाले र
पीते कोनी अर खाजा चकना
इसी यारी अर इसे यार कोनी चाले र
चलाणी हो बुलट अर देखे ऐवरेज
न्यू तो फेर थार कोनी चाले र
अर चाला स “दीप” चालण का यो भी
कदे घरा कोनी चाले कदे बाहर कोनी चाले र