सन: 2019 स्थान: महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी

महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी – रोहतक, मेरी नजरों मे दुनिया की सबसे बेहतरीन यूनिवर्सिटीयो मे से एक। कभी कभी उठने वाली चुल और टेक्निकल पेपर सब्मिस्शन के चलते मैं और मेरा दोस्त सनाट्टा इंजीनियरिंग डिपार्ट्मन्ट की खोज मे जूते घिस रहे थे।
सन्नाटे का दोस्त: “सन्नाटा अड्डे के करे है ?? अंजली (बदला हुआ नाम ) का डांस शुरू होणं आला है !!! (ट्रांसलेशन: यहा क्या कर रहा है ? अंजली का डांस शुरू होने वाला है )
ये बात कह कर वो वायु वेग से ऑडिटोरीअम की तरफ जाने लगा
मैं और सन्नाटा अभी विवेकानंद लाइब्रेरी के पास थे। 11 बजे तक मुझे पेपर सबमिट करने थे और उस टाइम टाइम हो गया था 11:25.
मैं: अंजली कौन भाई ?
सन्नाटा: पूछ मत भाई.. बस काइयों के लठ बजवा रखे है और काइयों की नस कटवा राखी है उसने !!
इससे छोटा और इक्स्प्लिसिट डिस्करीपशन नहीं हो सकता था।
सन्नाटा: भाई तू डिपार्ट्मन्ट ढूंढ ले, मैं थोड़ी देर मे ऑडिटोरीअम जाके आता हूँ.
मैं: भाई सन्नाटे.. मर जाऊंगा, टाइम हो लिया पहले डिपार्ट्मन्ट चल कई दिन मे पेपर बने है अब जमा कराने है पहले.
सन्नाटा: भाई आ तू भी ऑडिटोरीअम चल फिर पेपर जमा मैं करा दूंगा. माँ की सू, मैडम के पैरों मे पसर जवांगे मान जायगी।
मैं: तू कह रहा है तो चल, पर पेपर जमा ना हुए तो तू मोर बनेगा.. बात दी।

Auditorium Capacity Referance
यूनिवर्सिटी ऑडिटोरीअम खचाखच भरा. हाल मे आने के मुख्य द्वार पुलिस द्वारा बंद कर दिए गए करीब हजार बारासों बालक तो रहे होंगे हॉल मे, शोर इतना भयंकर की नजदीक नजदीक बैठे लोगों को एक दूसरे की आवाज ना सुनाई दे। लड़कों की क्या गोदिया, क्या कंधे हर जगह भरे पड़े. ग्रुप डांस खतम हुआ और अनाउन्स हुआ की अगली प्रस्तुति हरयाणवी सोलो डांस अंजली।
ये सुनते ही हाल मे एक अलग बवंडर आ गया, शोर कई गुणा भड़ गया पीछे बंद पड़े मुख्यद्वार भड़ भड़ाने की तीव्र आवाजे आने लगी, पुलिस वालों ने लठ की रस्सी हाथों मे टाइट बांध ली, मैं कही ना कही कन्फ्यूज़ की साला ये हो क्या रहा है.
मोहतरमा अंजली हरियाणवी ड्रेस पहने स्टेज के बीचों बीच आई और संगीत बजा।
” मेरा चुंदड़ मांगा दे हो नंदी के बीरा”
अगले कुछ मिनट भाई जो कोहराम मचा बस पूछो म, छोरे चुंदड़ की बजाए घर से रेजिस्ट्री मँगवाने को हो रहे, मुख्य द्वार खुल गए, भीड़ अंदर आ गई, पुलिस के लठो ने कइयों के पहाड़ी एरिया समतल किए, लड़के लोग स्टेज की सीमा पर जाकर नाचने लगे. मतलब मैंने अपनी जिंदगी मे मोदी जी की भी रेली देखी है मगर इतनी भयंकर फैन फालोइंग नहीं भाई।
7-8 मिनट बाद जैसे ही डांस खतम हुआ भीड़ ऐसे गायब जैसे रावण फुकने के बाद रामलीला मैदान खाली होता है.
बाद मे हेड ऑफ डिपार्ट्मन्ट के पैरों मे पसरकर मैंने और सन्नाटे ने जो मजबूरीयों की ऐक्टिंग काटी की मैडम का हार्ट मेल्ट हो गया और उन्होंने मेरे पेपर अप्रूव कर दिए और बाद मे प्रेज़न्टैशन के बाद मेरे पेपर को बेस्ट पेपर प्रेज़न्टैशन का अवॉर्ड भी मिला।

बाकी समय के फेर मे नाम बदल जाते है मगर ये अंजलिया, ये सन्नाटे, ये मैडम वही रहते है.